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मधुर की कैलेंडर गर्ल में मधुरता नजर नही आई, स्टार 2.

      सच को पर्दे पर ले आने का हौसला रखते है मधुर भंडारकर, उनकी फिल्मों में वास्तविकता नजर आती है,  चाँदनी बार, पेज 3, कॉरपोरट,  ट्रफिक  सिग्नल,  फैशन और हीरोइन, में देख ही चुके है, अब मधुर कैलेंडर गर्ल की वास्तविकता को दर्शाने की कोशिश की है, मॉडल को लगता है की एक बार एक बड़े कैलेंडर में फोटो छप गई तो सारे काम आसन हो जायेंगे, फ़िल्म कैलेंडर गर्ल में भी 5 लड़कियाँ अलग अलग शहर यानि नन्दिता मेनोन ( आकांक्षा पुरी) हैदराबाद से, नाज़नीन मालिक ( अवनि मोदी) लाहौर से, शेरोन पिंटो (कायरा दत्त) गोवा से, मयूरी चौहान ( रूही सिंह) रोहतक से और पोरोमिता घोष ( सतरुपा पायने )  कोलकाता से, मुँबई आती है इन पाँचों को कैलेंडर गर्ल के तौर पर चुन लिया गया है, ग्लैमर दुनिया में इनका दस्तक हो गया है, आगे की दास्तान को दिखाने की कोशिश की है, जहां कुछ मॉडल भटक जाती है, और ग़लत राह पकड़ लेती है तो कुछ बड़े बिजिनेसमैन से शादी कर घर बसा लेते है तो कुछ फिल्मों में अपनी तक़दीर अजमाती है,मधुर ने भी कैलेंडर गर्ल की इन्हीं पहलू को पर्दे पर उतारने की कोशिश की है, मधुर की फिल्मों का कंतैत मज़बूत और प्रसंगिग होता है, पर लगता है कि उनकी पिछली फिल्मों की झाकिया नजर आ जाती है, फ़िल्म फैशन और हीरोइन में भी यह सब देख् ही चुके है, मधुर को अब कुछ नया करना होंगा, अभिनय की बात करे तो सभी ने अपने अभिनय का जलवा भिखरने कि पुरी कोशिश की है, जहां दर्द था वह दर्द लाने में सक्षम रहे है, फ़िल्म के कई हिस्सो में उन्हें सुंदर और आकर्षक दिखाना है इसीलिये शायद उन्हें वैसा ही मधुर ने दिखाया है, फ़िल्म को देख् आप भी महसूस करोंगे की हा वास्तव में इस तरह के लौंग है, फ़िल्म में उन पर फोकस नही किया गया जो कैलेंडर गर्ल के कारोबारी है जिनका व्यवसाय ही यही है. मधुर अच्छी कोशिश कर सकते थे पर फिर निराश ही किया, मधुर को वास्तविक जीवन से कई कहनिया मिल सकती थी पर मधुर ने उन कहानियों को छुआ ही नही, जबकि वह इस काम में माहिर है, पिछली फ़िल्म में भी जो ग़ल्तियाँ थी उन्हीं को फिर एक बार मधुर दोहराते हुए नजर आए, हीरोइन में करीना कपूर थी, चलो मन भी सकते है पर इस बार तो सारे ही न्यु कमर थे बावजूद मधुर विफल रहे| आखिर मधुर कैलेंडर  का यह महीना निराशा जनक ही लगा |  

पुष्कर ओझा